एक बार वापस तो आज
हुम् और ओ नही बुरे थे हमारी किस्मत ही बुरी थी इस जन्म में न सही मगर हर जन्म में तेरे साथ ही रहूंगा। 9664277233 Jitendra vishwakarma
क्यों अब आते हो फिर तुम यह आंसू पोछने को भी तुम्हारे इश्क में हैं पागल रखा ना कुछ सोचने क
दग़ा गर यूं ही देनी थी हमारे पास आए क्यों वफ़ा तो हमने की थी फिर दुखों के फिर है साए क्यों
गए तुम जो हो यूं छोड़ के रुख़ अपना हमसे मोड़ के हमें पामाल कर बैठे हमारा दिल हो तोड़ के
होंगे हजारों ऐब हम में पर मोहब्बत भी बेमिसाल थी देते बदल खुद को तेरे लिए कमी थी बस एक सवाल की