07 October 2017 6:43:33 AM UTC
माना लटके झटके हैं
शेर मगर सब हटके हैं
इनसे जीना क्या सीखें
जो मुर्दे मरघट के हैं
अपनी मंजिल ख़ुद ढूंढो
रहबर भूले भटके हैं
बेपर्दा मत सामने आ
हम आशिक घूंघट के हैं